अल्लाह के पवित्र शब्द की मधुर धुनों को सुनना एक इबादत है जो सुनने वाले को अल्लाह की रहमत का पात्र बनाती है। IKNA ने "स्वर्ग के गीत" नामक संग्रह का निर्माण और प्रकाशन किया है, जिसमें इस्लामी दुनिया के प्रसिद्ध क़ारियों की यादगार तिलावत और अंश शामिल हैं। नीचे, आप मिस्र के एक क़ारी अली महमूद द्वारा सूरह अल-अंबिया का एक तिलावत सुनेंगे।
فَاسْتَجَبْنَا لَهُ فَكَشَفْنَا مَا بِهِ مِنْ ضُرٍّ وَآتَيْنَاهُ أَهْلَهُ وَمِثْلَهُمْ مَعَهُمْ ...... ﴿84﴾
तो हमने उसकी प्रार्थना सुन ली और जो तकलीफ़ उस पर आई थी उसे दूर कर दिया और उसके साथ उसका परिवार और उसके जैसे लोग भी दे दिए।
सूरह अल-अनबिया
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